Modern vs Ancient Medicine : आधुनिक और प्राचीन चिकित्सा में अंतर – धरती पर जीवन जीने के लिए आपके पास स्वास्थ्य का होना अनिवार्य है। आपके पास एक बेहतरीन हेल्थ का होना अनिवार्य है। धरती पर जीवन जीने के लिए स्वास्थ्य का बेहतरीन होना जरूरी है। यदि आप इस दुनिया में सभी मनोरंजन को प्राप्त करना चाहते हैं या फिर बिना किसी आश्रय की जिंदगी जीना चाहते हैं। तब कई प्रकार की चिकित्सा पद्धति उपलब्ध है। मानव जीवन की शुरुआत से समय के अनुसार चिकित्सा पद्धति बदलती रही है। आधुनिक चिकित्सा आज के समय के हिसाब से है तथा प्राचीन चिकित्सा कई वर्षों पहले मनुष्य के जीवन के हिसाब से काम करती है। इस लेख में हम आपको आधुनिक और प्राचीन चिकित्सा में अंतर बताने वाले हैं। हमारा आपसे अनुरोध है कि हमारे इस लेख को पूरा अंत तक पढ़े।
आधुनिक चिकित्सा क्या है?
आधुनिक चिकित्सा (Modern Medicine) को ऐलोपैथिक चिकित्सा भी कहा जाता है। इसमें बीमारियों की पहचान ,रोकथाम और इलाज के लिए दवाइयाँ, सर्जरी, रेडियोलॉजी और अन्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का इस्तेमाल भी किया जाता है। इस आधुनिक चिकित्सा में सबसे पहले डॉक्टर रोगी की समस्या को समझते हैं, फिर वह रोगी की समस्या संबंधित लैब टेस्ट, एक्स-रे, एमआरआई तकनीकों के माध्यम से बीमारी का पता लगाते हैं और इलाज करते हैं।
यह प्रणाली पूरी तरह से वैज्ञानिक शोधों पर निर्भर करती है। इस चिकित्सा में बढ़ोतरी करते हुए वैज्ञानिको ने इसमें रोबोटिक सर्जरी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जीन थेरेपी जैसी नई तकनीकों का विस्तार किया है, जिससे आधुनिक चिकित्सा (Modern Medicine) का इलाज अधिक प्रभावी और सुरक्षित हो।
प्राचीन चिकित्सा क्या है?
प्राचीन चिकित्सा का मतलब पुराने समय में इस्तेमाल की जाने वाली इलाज की पद्धतियों से है। पुराने समय में आज की तरह आधुनिक दवाइयाँ और अस्पताल नहीं होते थे, तब लोग जड़ी-बूटियों, योग, मालिश, धातुओं, पंचकर्म, ध्यान और प्राकृतिक चीज़ों से बीमारियों का इलाज करते थे। प्राचीन चिकित्सा की प्रमुख विधियाँ आयुर्वेद,यूनानी चिकित्सा, चाइनीज मेडिसिन, होम्योपैथी ,सिद्ध चिकित्सा आती है। यह प्राचीन चिकित्सा प्राकृतिक उपचार पर आधारित होती है।
जिसके माध्यम से साइड इफेक्ट भी कम होता है। भारत में इस आयुर्वेद चिकित्सा को सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति मानी जाती है, जिसमें शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को ठीक करने पर जोर दिया जाता है। यूनानी चिकित्सा अरब और ग्रीस से आई, जिसके माध्यम से हर्बल दवाओं और खान-पान का इस्तेमाल किया जाता है।

Modern vs Ancient Medicine
आधुनिक और प्राचीन चिकित्सा में क्या – क्या मुख्य अंतर है?
अब हम आपको चिकित्सा पद्धतियों में कुछ अंतर बताने वाले हैं। जिसके माध्यम से आप यह तय कर सकते हैं कि आपको कौन-सी चिकित्सा पद्धति को अपनाना है। जिसके माध्यम से आप अपनी स्वास्थ्य को बेहतर बना सके। जो निम्नलिखित इस प्रकार है कि –
उत्पत्ति – आपको बता दें कि प्राचीन चिकित्सा की उत्पत्ति कई हजारों साल पहले पारंपरिक विधियों द्वारा की गई, जबकि आधुनिक चिकित्सा की उत्पत्ति वैज्ञानिक शोध और आधुनिक शोध द्वारा की गई है।
इलाज का तरीका – प्राचीन चिकित्सा में रोगियों का इलाज प्राकृतिक जड़ी-बूटियां पर आधारित तत्वों से की जाती है। जबकि आज के समय में आधुनिक चिकित्सा के आधार पर रोगी का इलाज केमिकल युक्त दवाइयां और परीक्षणों के शोध पर आधारित खोज के द्वारा की जाती है।
बीमारी की पहचान – प्राचीन चिकित्सा में बीमारी की पहचान शरीर में हुएबदलाव शरीर के संतुलन पर ध्यान और लक्षणों के आधार पर की जाती थी। जबकि आधुनिक चिकित्सा में ब्लड टेस्ट, एक्स-रे, एमआरआई तकनीक के माध्यम से बीमारी की पहचान की जाती है। आज के समय में आधुनिक तकनीक को अपना कर शरीर की बीमारी का एक दम सटीक बता दिया जाता है।
सर्जरी का उपयोग – प्राचीन चिकित्सा में किसी भी प्रकार की सर्जरी नहीं की जाती थी। बल्कि घाव को कम से काम खोलने की कोशिश की जाती थी। यदि कोई घाव भी हो जाता था, तब भी उसको भर के दवाइयां के माध्यम से ठीक करने की कोशिश की जाती थी। नई चिकित्सा प्रणाली में यदि किसी प्रकार की कोई भी घाव हो जाता है। तब उसको सर्जरी के माध्यम से आस-पास के सभी हिस्से को सही करने के लिए यदि जरूरत है, तो सर्जरी की जाती है।
साइड इफेक्ट्स – अब हम आपके साइड इफेक्ट के बारे में बताने वाले हैं, कि सबसे पहले हम आपको बता दें की साइड इफेक्ट क्या होता है? साइड इफेक्ट किसी भी चीज को खाने के बाद वह कुछ ना कुछ नुकसान देती है, जिसको हम उसे चीज का साइड इफेक्ट कह सकते हैं। ऐसे में प्राचीन चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से उपयोग की जाने वाली प्राकृतिक जड़ी बूटियां के माध्यम से किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता था। जबकि आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के आधार पर साइड इफेक्ट होना आम बात है।
उपचार की गति – प्राचीन चिकित्सा के माध्यम से की जाने वाली प्रणाली के माध्यम से यदि आप अपना इलाज करते हैं। तब उसका असर धीरे-धीरे होता है और उसके माध्यम से दी जाने वाली दवाई का असर रोग का निवारण धीरे धीरे होते है। जबकि आधुनिक चिकित्सा प्रणाली के माध्यम से दी जाने वाली दावों का असर रोग के निवारण के लिए बहुत तेजी से होता है, कुछ ही दिनों में बल्कि कुछ ही घंटे में यह असरदार साबित हो जाती है।
Conclusion – इस लेख में हमने आपको नई चिकित्सा प्रणाली तथा पुरानी चिकित्सा प्रणाली के बारे में बताया है। हमारे माध्यम से दी गई सभी जानकारी सूत्रों के अनुसार दी गई जानकारी के अनुसार है। यदि आप पुराने चिकित्सा प्रणाली के आधार पर उपयोग की जाने वाली किसी भी प्रकार की प्राकृतिक जड़ी बूटियां के माध्यम से अपना इलाज करना चाहते हैं।
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